Shradha Shukla IAS Success Story: श्रद्धा ने कर दिखाया भौकाल

Prabhash Bahadur civil services mentor
Prabhash Bahadur Civil Services Mentor

UPSC की तैयारी सुनते ही दिमाग में लाखों रुपये की कोचिंग, दिल्ली का मंहगा किराया और भारी-भरकम नोट्स घूम जाते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ की श्रद्धा शुक्ला (Shradha Shukla) ने इस सोच पर बड़ा तमाचा जड़ा — “ना कोचिंग, ना करोड़ों— बस कॉन्फिडेंस और कड़ी मेहनत काफी है।”

सेल्फ-स्टडी को बनाया हथियार

श्रद्धा रायपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने MGM हायर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं और DB गर्ल्स पीजी कॉलेज से BSc की डिग्री ली। डिग्री खत्म होते ही उन्होंने तय किया — “अब बस घर की लाइब्रेरी ही कोचिंग सेंटर बनेगी।” हर दिन घंटों पढ़ाई, खुद के नोट्स और यूट्यूब के भरोसे श्रद्धा ने UPSC की तैयारी शुरू की।

संघर्ष, असफलता और फिर वापसी का धमाका

पहला प्रयास— असफल।
दूसरा प्रयास— फिर असफल।
लेकिन श्रद्धा का हौसला अब “डेडलाइन मोड” पर था। इस बीच उन्हें डाक और दूरसंचार विभाग में सरकारी नौकरी भी मिल गई। पर सपना तो IAS बनने का था, तो तीसरी बार उन्होंने पूरा फोकस झोंक दिया।

तीसरा प्रयास… और UPSC इंटरव्यू का Viral पल

2021 में तीसरे प्रयास में श्रद्धा ने All India Rank 45 हासिल कर ली। और इंटरव्यू में जब उनसे राज्य के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराकर छत्तीसगढ़ का राज्यगीत “अरपा पैरी के धार” गाकर सुनाया!
बस फिर क्या था — पैनलिस्ट भी बोले, “यह तो श्रद्धा का स्टाइल है भई!”

पिता बने सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम

श्रद्धा के पिता सुशील आनंद शुक्ला, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कम्युनिकेशन हेड हैं। वो न सिर्फ पिता थे, बल्कि “होम ट्यूटर प्लस मोटिवेशन गुरु” भी। जब भी श्रद्धा किसी सब्जेक्ट में अटकतीं, पिता से गाइडेंस लेतीं। घर का माहौल पॉजिटिव था और वही श्रद्धा की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ।

सीख: Coaching से नहीं, Consistency से बनते हैं IAS

श्रद्धा शुक्ला की कहानी बताती है — “UPSC का रास्ता लाइब्रेरी से नहीं, लाइफ़ से होकर जाता है।” अगर इरादा मजबूत हो और आत्मविश्वास अडिग, तो किसी कोचिंग की जरूरत नहीं।

आज श्रद्धा न सिर्फ एक IAS अधिकारी हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक ‘रियल-लाइफ़ मोटिवेशनल Reel’ बन चुकी हैं।

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